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हे भारत के राम जगो

यह कविता हमारे फिल्म जगत के बहुत ही विशुद्ध एवं मंझे हुए कलाकार श्रीमान आशुतोष राणा जी द्वारा एक चैनल के साछात्कार के मध्य में सुनाया गया जो सभी भारतीयों के लिए अत्यंत प्रेरणा श्रोत है एवं वीर रस से ओत प्रोत है



हे भारत के राम जगो, मैं तुम्हे जगाने आया हूँ,
सौ धर्मों का धर्म एक, बलिदान बताने आया हूँ ।
सुनो हिमालय कैद हुआ है, दुश्मन की जंजीरों में
आज बता दो कितना पानी, है भारत के वीरो में,
खड़ी शत्रु की फौज द्वार पर, आज तुम्हे ललकार रही,
सोये सिंह जगो भारत के, माता तुम्हे पुकार रही ।
रण की भेरी बज रही, उठो मोह निद्रा त्यागो,
पहला शीष चढाने वाले, माँ के वीर पुत्र जागो।
बलिदानों के वज्रदंड पर, देशभक्त की ध्वजा जगे,
और रण के कंकण पहने है, वो राष्ट्रभक्त की भुजा जगे ।।

अग्नि पंथ के पंथी जागो, शीष हथेली पर धरकर,
जागो रक्त के भक्त लाडले, जागो सिर के सौदागर,
खप्पर वाली काली जागे, जागे दुर्गा बर्बंडा,
और रक्त बीज का रक्त चाटने, वाली जागे चामुंडा ।
नर मुंडो की माला वाला, जगे कपाली कैलाशी,
रण की चंडी घर घर नाचे, मौत कहे प्यासी प्यासी,
रावण का वध स्वयं करूँगा, कहने वाला राम जगे,
और कौरव शेष न एक बचेगा, कहने वाला श्याम जगे ।।

परशुराम का परशु जगे, रघुनन्दन का बाण जगे ,
यदुनंदन का चक्र जगे, अर्जुन का धनुष महान जगे,
चोटी वाला चाणक्य जगे, पौरुष का पुरष महान जगे
और सेल्यूकस को कसने वाला, चन्द्रगुप्त बलवान जगे ।
हठी हमीर जगे जिसने, झुकना कभी नहीं जाना,
जगे पद्मिनी का जौहर, जागे केसरिया बाना,
देशभक्ति का जीवित झण्डा, आजादी का दीवाना,
और वह प्रताप का सिंह जगे, वो हल्दी घाटी का राणा ।।

दक्खिन वाला जगे शिवाजी, खून शाहजी का ताजा,
मरने की हठ ठाना करते, विकट मराठो के राजा,
छत्रसाल बुंदेला जागे, पंजाबी कृपाण जगे,
दो दिन जिया शेर के माफिक, वो टीपू सुल्तान जगे ।
कनवाहे का जगे मोर्चा, जगे झाँसी की रानी,
अहमदशाह जगे लखनऊ का, जगे कुंवर सिंह बलिदानी,
कलवाहे का जगे मोर्चा, पानीपत मैदान जगे,
जगे भगत सिंह की फांसी, राजगुरु के प्राण जगे ।।

जिसकी छोटी सी लकुटी से (बापू ), संगीने भी हार गयी,
हिटलर को जीता वे फौजेे, सात समुन्दर पार गयी,
मानवता का प्राण जगे, और भारत का अभिमान जगे,
उस लकुटि और लंगोटी वाले, बापू का बलिदान जगे।
आजादी की दुल्हन को जो, सबसे पहले चूम गया,
स्वयं कफ़न की गाँठ बाँधकर, सातों भावर घूम गया,
उस सुभाष की शान जगे, उस सुभाष की आन जगे,
ये भारत देश महान जगे, ये भारत की संतान जगे ।।

क्या कहते हो मेरे भारत से चीनी टकराएंगे ?
अरे चीनी को तो हम पानी में घोल घोल पी जाएंगे,
वह बर्बर था वह अशुद्ध था, हमने उनको शुद्ध किया,
हमने उनको बुद्ध दिया था, उसने हमको युद्ध दिया ।
आज बँधा है कफ़न शीष पर, जिसको आना है आ जाओ,
चाओ-माओ चीनी-मीनी, जिसमें दम हो टकराओ
जिसके रण से बनता है, रण का केसरिया बाना,
ओ कश्मीर हड़पने वाले, कान खोल सुनते जाना ।।

रण के खेतो में जब छायेगा, अमर मृत्यु का सन्नाटा,
लाशो की जब रोटी होंगी, और बारूदों का आटा,
सन सन करते वीर चलेंगे, जो बामी से फन वाला,
फिर चाहे रावलपिंडी वाले हो, या हो पेकिंग वाला ।
जो हमसे टकराएगा, वो चूर चूर हो जायेगा,
इस मिटटी को छूने वाला, मिटटी में मिल जायेगा,
मैं घर घर में इन्कलाब की, आग लगाने आया हूँ,
हे भारत के राम जगो, मैं तुम्हे जगाने आया हूं ।। - 2


Comments

  1. It is written by shyam sundar Rawat from Gadarwara

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  2. Yes,It is Written By Late Shri Shyam Sundar Rawat FRom Gadarwara

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  3. बहुत खुब, सोया हुआ खुन यदि इस कविता को सुन कर नहीं जागा तो, वह ना मर्द ही हो सकता है स्वाभिमान से जीने वाला मर्द नहीं हो सकता l
    इस कविता को लिखने वाले को कोटि कोटि प्रणाम 👏 l

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  4. भुजाएं फड़क उठी हैं, भारतभूमि की संस्कृति पर जो भी बुरी नज़र डालेगा वो निश्चित हीं नष्ट कर दिया जाएगा।

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    Replies
    1. kalaya chati vari koarali abhimanachi leni
      poladi man gate khelati khel jiv gheni

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  5. भारत माता की जय।
    हर हर महादेव

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  6. No substitute of this poem and no one not even bachchan can better recite it than Ashutosh Rana.

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  7. बहुत ही अच्छी कविता लिखी है आपने
    आपके शब्दो के बल को व आपको बहुत बहुत धन्यवाद जो कि आपने ऐसी कविता देश को दी ।

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  8. Itni aachi kavita hai
    Ke kya batau isme itni desh bhakti bhari hui hai
    Bohout aachi

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  9. Padh kr dilojan Josh se bhar utha , esi hi kavitao ki Rachna honi chahiye aaj k is yug me

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  10. मुर्दे में भी उठ खड़े होकर बन्दूक चलाना शुरू करदे 🙏🙏🙏🙏🙏

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  11. I like this poem very much. I gave 101 out of 100 marks.

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  12. This comment has been removed by the author.

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  13. श्री आशुतोष राणा जी आपकी यह कविता जब जब मैं पढ़ता हूँ मेरा रोम रोम प्रज्वलित हो जाता हैं। किसी भी व्यक्ति में यह कविता एक जोश उत्पन्न कर देती हैं।आप बेहतरीन कलाकार के साथ साथ एक श्रेष्ठ कवी भी हैं।
    आपको मेरा शत शत प्रणाम हैं
    दिलीप कुमार
    Rewari Haryana

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    Replies
    1. Ye Kavita shyam sunder Rawat ji ne likhi h

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  14. I will soon perform this poetry on my Instagram! @ronaktheatreartist

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  15. अतीत से वर्तमान तक प्रजवलित करती हुई कविता। आपको प्रणाम
    श्रवण कुमार, पटना

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  16. अति सुन्दर कविता

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  17. अंदर पूरा खून खौल उठता है इस कविता को सुन कर या पढ़ कर।
    जय हिंद जय भारत।

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  18. Jay Hind
    बहुत ही ऊर्जावान कविता है
    धन्यवाद सर

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  19. Aisi kavita ko sunkar khoon khaul uthta hai....
    Thik vase hi jaise Alha ko sunne me hota hai....

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  20. Hello Friends,

    Please watch this video as well... A small little girl tried to recited this motivational and famous poem(Hey Bharat Ke Ram Jago) written by Late Shree. Shyam Sunder Rawat.

    https://youtu.be/hR2tuaOukj0

    Hope you guys will like it... and please encourage her by liking her video.

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  21. कन्वाहे का जगे मोर्चा ।
    ये शब्द किस युध की और संकेत कर रहे ।
    जिन्हे भी मालूम किरपा बताये ।

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    Replies
    1. Maha Rana Sanga aur Babur ka yuddh Kanhawa me hua tha..jiska naam badal ke khanwa kar diya gaya

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  22. हेलो सर मुझे आपका पोस्ट काफी अच्छा लगा आपने इस पोस्ट के माध्यम से बहुत अच्छी जानकारियां दी हैं मैं आशा करता हूं कि आप और भी जानकारियां लेटेस्ट लेटेस्ट अपने वेबसाइट पर पोस्ट करेंगे
    Deepak kumar

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  23. बहुत ही सुंदर कविता... इसे पढ़ कर और स्वयं आशुतोष sir से सुनकर रोम रोम प्रफुल्लित हो गया | इस कृति के लिए आपका बहुत बहुत आभार sir जी

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