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Showing posts from August, 2013

घर से निकलते समय ॥

अचानक बचपन में माँ द्वारा कही एक लोकोक्ति याद आई। यह लोकोक्ति बताती है की घर से निकलने से पहले क्या करें की आपका काम सफल हो जाये । रवि को पान, सोम को दर्पण (दर्पण देख कर निकलो ), मंगल कीजे  गुड़  को   अर्पण, बुध को धनिया, बिफ़ै राइ, सुक कहे मोहे दही सुहाई, शनिचर कहे जो अदरक पाऊं तीनो लोक जीत घर जाऊं मैं ये नहीं कह रहा की ये सत्य है और मैं ये भी नहीं कहता की ये सब बकवास और ढकोसला है पर इतना कहना चाहता हूँ की इन कामों कर के घर से निकलने पर आत्मविश्वास बढ़ जाता है। यह मेरा व्यक्तिगत अनुभव है ॥ धन्यवाद्